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राजस्थान के CM को मिली जान से मारने की धमकी, लोकेशन देख जेल पहुंची पुलिस

शुक्रवार देर रात पुलिस कंट्रोल रूम (Control Room) में अचानक से हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) को जान से मारने की धमकी मिली।

शुक्रवार देर रात पुलिस कंट्रोल रूम (Control Room) में अचानक से हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) को जान से मारने की धमकी मिली। ये धमकी भी कोई आम नहीं थी, बल्कि जेल के अंदर से आई थी! जी हां जेल से फोन कर धमकी देना कुछ ज्यादा ही ‘डरावना’ (Thrilling) मामला लग रहा है। खास बात ये है कि यह दूसरी बार हुआ जब एक ही जेल से मुख्यमंत्री को धमकी मिली।

एक ही जगह से दूसरी बार आई धमकी

डीएसपी चारुल गुप्ता (DSP Charul Gupta) ने जानकारी दी कि रात 12:45 और फिर 12:50 बजे कंट्रोल रूम में फोन आया। फोन नंबर 7424875203 से किसी अज्ञात व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी। जब पुलिस ने लोकेशन ट्रेस (Trace) की, तो पता चला कि कॉल दौसा की विशिष्ट कारागार श्यालावास जेल (Shyalawas Jail, Dausa) से की गई थी। अब सोचिए, जेल के अंदर से कोई मुख्यमंत्री को कॉल करके धमकी दे रहा है, और पुलिस को हवा तक नहीं लगती!

पुलिस ने तुरंत जेल में छापा (Raid) मारा, लेकिन सवाल ये उठता है कि जेल में बंद कैदी के पास मोबाइल आखिर आया कहां से? क्या जेल में मोबाइल फोन ले जाना अब आम बात हो गई है? या फिर यहां सुविधाएं (Facilities) दी जा रही हैं?

8 घंटे तक चला सर्च ऑपरेशन

जैसे ही धमकी का मामला सामने आया, दौसा एडिशनल एसपी और नांगलराजावतान डीएसपी चारुल गुप्ता करीब 100 पुलिसकर्मियों को लेकर जेल में पहुंचे। जेल का माहौल पूरी तरह फिल्मी स्टाइल (Filmy Style) में बदल गया। रात 1 बजे से सुबह 8 बजे तक जेल में सर्च ऑपरेशन (Search Operation) चला। पुलिस ने हर कोना छान मारा और आखिरकार धमकी देने वाले आरोपी से एक मोबाइल और सिम (SIM) बरामद कर लिया।

डीएसपी चारुल गुप्ता ने बताया कि हमने पूरी जेल की तलाशी ली, लेकिन सिर्फ एक मोबाइल ही मिला। अब सोचने वाली बात यह है कि कैदी के पास ये फोन कहां से आया? और अगर एक मोबाइल मिला तो बाकी फोन कहां गए? कहीं जेल में मोबाइल शॉप (Mobile Shop) तो नहीं खुली?

पिछले साल भी आया था ऐसा ही कॉल

यह पहला मौका नहीं है जब जेल से इस तरह की धमकी दी गई है। पिछले साल जुलाई में भी मुख्यमंत्री को इसी जेल से धमकी भरा कॉल किया गया था। क्या ये कोई बड़ी साजिश (Conspiracy) है या फिर जेल के अंदर खास सुविधाएं मिलने का नतीजा? पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि जेल के अंदर मोबाइल पहुंचा कैसे? कहीं जेल प्रशासन की मिलीभगत तो नहीं? कहीं ऐसा तो नहीं कि जेल के अंदर कोई स्पेशल नेटवर्क (Special Network) चल रहा हो?

कौन है आरोपी

जिस कैदी से मोबाइल मिला है, वो अलवर (Alwar) का रहने वाला है और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) का आरोपी है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस आरोपी ने मुख्यमंत्री को धमकी क्यों दी? क्या ये किसी राजनीतिक षड्यंत्र (Political Conspiracy) का हिस्सा है या फिर सिर्फ जेल में बैठकर टाइमपास (Timepass) के लिए कॉल किया गया?

पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर रही है कि उसने यह कॉल क्यों किया और इसका मकसद (Motive) क्या था।

जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा?

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि जेल के अंदर मोबाइल फोन पहुंचा कैसे? क्या जेल प्रशासन (Jail Administration) इसमें लिप्त है? क्या जेल में किसी स्पेशल डिलीवरी सर्विस (Special Delivery Service) का इंतजाम है? या फिर जेल के अंदर कोई ऐसा गैंग (Gang) सक्रिय है जो मोबाइल और अन्य सुविधाएं कैदियों तक पहुंचा रहा है?

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं जेल के कर्मचारी इस काम में शामिल तो नहीं हैं? क्योंकि बिना किसी इंटर्नल सपोर्ट (Internal Support) के जेल में मोबाइल पहुंचाना आसान नहीं होता।

 

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